भारत सरकार द्वारा राष्ट्रपितामहात्मा गांधी के जन्म शताब्दी वर्ष 24सितंबर 1969 में राष्ट्रीय सेवायोजना इस आशय के साथ प्रारंभ की गई कि उच्च शिक्षा से जुड़े विद्यार्थियों में सामाजिक दायित्व, चेतना स्वप्रेरित अनुशासन के साथ श्रम के प्रति सम्मान की भावना उत्पन्न हो। विद्यार्थी अपने रिक्त समय एवं अवकाश का सदुपयोग करने हेतु समाज सेवा करें तथा अपनी शिक्षा की पूर्णता हेतु वास्तविक परिस्थितियों से साक्षात्कार भी कर सकें। जिससे उनके व्यक्तित्व का विकास हो |
छत्तीसगढ़ एवं मध्यप्रदेश में सन् 1969 में राष्ट्रीय सेवा योजना प्रदेश के दो विश्वविद्यालयों में शुरु की गई एवं वर्तमान मे प्रदेश के समस्त विश्वविद्यालयों द्वारा इसका संचालन किया जा रहा है। इसी के अंतर्गत हमारे महाविद्यालय में भी दो इकाई पुरुष व महिला संचालित हैं जिसमें 200 स्वयंसेवक प्रतिवर्ष पंजीकृत होते है। इन स्वयंसेवकों द्वारा वर्ष भर राष्ट्रीय सेवा योजना की गतिविधियां संचालित की जाती हैं जैसे - पर्यावरण संवर्धन एवं संरक्षण, वृक्षारोपण,बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, कैशलेश ट्रांजेक्शन, डिजिटल इंडिया, स्वच्छ परिसर-हरियर-परिसर जन साक्षरता/ सामुदायिक चेतना के लिए रैलियाँ, मतदाता जागरुकता अभियान, युवा सप्ताह का आयोजन, स्वास्थ्य शिक्षा, प्राथमिक उपचार, जल बचाओ-स्वच्छता अपनाओं इत्यादि समाज सेवा के कार्य किए जाते है।
राष्ट्रीय सेवा योजना के माध्यम से महाविद्यालय के स्वयंसेवकों को विभिन्न गतिविधियों व जिला स्तरीय, संभाग स्तरीय, राज्य स्तरीय एवं राष्ट्रीय स्तरों की शिविरों में भाग लेकर सूजनात्मक एवं रचनात्मक कार्यों के प्रति प्रेरित होकर समाज सेवा का अवसर मिल रहा है जिससे वे भविष्य में कर्तव्य निष्ठ, संवेदनशील तथा उपयोगी नागरिक के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकें ।