राजनीति विभाग की स्थापना शासकीय एस.बी.आर. में प्रारंभ से ही है । मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के उच्च पदों पर आसीन नीति निर्माताओं तक ने इसमें शिक्षा ग्रहण की । यही शिक्षा प्राप्त अनेक लोग इसी महाविद्यालय में प्राचार्य और अतिरिक्त संचालक और प्राध्यापकों के रुप में पदस्थ है । उनमें ख्याति प्राप्त साहित्यकार, राजनेता, आर्थिक, अभिजन, बुद्धिजीवी और सामाजिक कार्यकर्ता इस विभाग की देन है।
1986 में एस.बी.आर. कला, वाणिज्य एवं विज्ञान संकाय के विभक्तिकरण के बाद शासकीय कला व वाणिज्य महाविद्यालय नाम तथा बाद में शासकीय जमुना प्रसाद वर्मा कला/वाणिज्य महाविद्यालय के नाम से संचालित है|
यहां पाठ्यक्रम स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर संचालित है। बीए में वार्षिक परीक्षा पद्धति लागू है। एम.ए. में सेमेस्टर पद्धति शुरु की गई है। वर्तमान में एक प्राध्यापक और तीन सहायक प्राध्यापक पद है|
महाविद्यालय का राजनीति विज्ञान विभाग बिलासपुर विश्वविद्यालय का डी.आर.सी. केन्द्र है। इस विभाग के अंतर्गत शोध छात्र पंजीकृत है । छात्र सांस्कृतिक, खेलकूद प्रतियोगिताओं में राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर के प्रमाण पत्र प्राप्त कर चुके है।
एन.सी.सी. और एन एसएस में विषय के छात्रों की सहभागिता शत-प्रतिशत है । 2015-16 में राजनीति विज्ञान परिषद् का गठन हुआ और अनेक कार्यक्रम आयोजित किये गये, 2016-17 में भी इसी परिपाटी के अंतर्गत परिषद्का गठन हुआ ।
सत्र के प्रारंभ में ही स्थानीय स्वशासन संस्थाओं के व्यवहारिक अध्ययन हेतु छात्रों को नगर निगम की कार्य प्रणाली का अवलोकन कराने के लिए शैक्षणिक भ्रमण पर ले जाया गया । अतिथि व्याख्यान व कक्षा सेमीनार परिषद् के तत्वाधान में आयोजित किये जाते हैं|
पीएस सी हेतु छात्रों को विभाग द्वारा निःशुल्क मार्गदर्शन दिया गया है इसी उद्देश्य से लोक प्रशासन स्वतंत्र प्रभाग खोलने के लिए विभाग द्वारा आवेदन दिया गया था किन्तु गुरु घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय में छात्रों की संख्या में कमी हो जाती है। लोक प्रशासन विभाग में स्वतंत्र विभाग खोलने का प्रयोजन पीएससी के छात्रों की निःशुल्क कोचिंग की सुविधा को आगे बढ़ाना था|
व्याख्यान की पद्धति परंपरागत है । छात्रों के लिए पेपर रीडिंग की कक्षाएं निर्धारित है ताकि छात्रों को समसामयिक विषयों की अद्यतन जानकारी दी जा सके जो उनके वर्तमान प्रश्न पत्रों के अध्ययन के लिए आवश्यक है|
नवोन्मेषी अध्ययन पद्धति, कम्प्यूटर, प्रोजेक्टर का प्रयोग किया जायेगा। विभाग में इंटरनेट कनेक्शन की जानी है, जिसके आदेश उच्चाधिकारियों द्वारा दिये जा चुके हैं।